5 Easy Facts About shiv chalisa lyricsl Described
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दिवाली से पहले बन रहा गुरु पुष्य योग, जानें सबसे अच्छा क्यों है?
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
शिव भजन
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति more info से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
बृहस्पतिदेव की कथा
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ Shiv chaisa राम दूत अतुलित बल धामा
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र Shiv chaisa खाल बाघम्बर सोहे ।
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥